वाक्य रचना SSC GD Hindi Notes 2025, Download PDF

वाक्य रचना SSC GD हिंदी व्याकरण

वाक्य रचना की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण हिंदी व्याकरण का एक अहम हिस्सा है। वाक्य रचना की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण कई हिस्सों में विभाजित होते हैं, जिसमें परिभाषा, प्रकार और उदाहरण शामिल होते हैं। हम यहाँ वाक्य रचना की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण को विस्तार से समझेंगे। वाक्य रचना के तीन प्रकार होते है| वाक्य रचना के प्रकार नीचे दिये गये है|

वाक्य रचना
वाक्य रचना के प्रकार

वाक्य रचना: रचना की दृष्टि से वाक्य तीन प्रकार के होते हैं | 

1. सरल                    2. संयुक्त                 3. मिश्र

सरल वाक्य:-

सरल वाक्य वाक्य रचना के तीन प्रकरो मै से एक प्रकार है, जिन वाक्यों में केवल एक ही उद्देश्य और एक ही विधेय होता है, उन्हें साधारण वाक्य या सरल वाक्य कहते हैं।

उदाहरण:-

1. रामु पुस्तक पढता है।

वाक्य में एक ही उद्देश्य अर्थात कर्ता है जो कि रामु है एवं वाक्य में एक ही विधेय अर्थात क्रिया है जो की पुस्तक पढ़ना है।

2. शिशु सोता रहता है। 

वाक्य में एक ही उद्देश्य अर्थात कर्ता है जो कि शिशु है एवं वाक्य में एक ही विधेय अर्थात क्रिया है जो की सोना है।

संयुक्त वाक्य:-

जिन वाक्यों में दो या दो से अधिक स्वतंत्र उपवाक्य किसी समुच्चयबोधक अव्यय से जुड़े होते हैं, (और, तथा, एवं, या, परन्तु, न-न, या-या, अथवा, इसलिए) तो उन्हें संयुक्त वाक्य कहते हैं| यह वाक्य रचना के प्रकरो मै से एक प्रकार है|

उदाहरण:-

1. मेरी पैर पर लग गयी और दर्द होने लगा।

यहां पर दो सरल स्वतंत्र वाक्यों को जोड़ा जा रहा है। यह दोनों वाक्यों को जोड़ने के लिए और संयोजक का प्रयोग किया गया है।

2. उसने बहुत परिश्रम किया किन्तु सफल नहीं हो सका।

एक पूर्ण वाक्य में किन्हीं दो स्वतंत्र सरल वाक्यों को रखा गया है। ये वाक्य एक दुसरे पर आश्रित नहीं हैं। इन दोनों वाक्यों को किन्तु अव्यय सयोंजक से जोड़ा गया है।

मिश्र वाक्य:-

मिश्र वाक्य में भी दो या दो से अधिक सरल वाक्य होते हैं; परन्तु उनमें एक वाक्य मुख्य होता है, दूसरा या तीसरा वाक्य अधीन या आश्रित वाक्य होता है। मुख्य और अधीन वाक्यों को जोड़ने वाले निम्नलिखित समुच्चयबोधक अव्यय होते हैं (कि, ताकि, क्योंकि, जैसा कि, यदि-तो, जहाँ, वहाँ, जिधर, उधर, यद्यपि-तथापि, ज्यों हीं, जब तक, जहाँ तक, जहाँ, भले ही, जो), उन्हें मिश्रित वाक्य कहते हैं। यह वाक्य रचना के तीन प्रकरो मै से एक प्रकार है|

उदाहरण:-

1. यह वही भारत देश है जिसे पहले सोने की चिड़िया कहा जाता था।

इस वाक्य मे दो उपवाक्य हैं। इसमें ‘यह वही भारत देश है’ यह उपवाक्य प्रधान है एवं ‘जिसे पहले सोने की चिड़िया कहा जाता था’ यह आश्रित उपवाक्य है। जैसा की हम जानते हैं कि जब दो उपवाक्य हो जाते है एवं एक या एक से अधिक समापिक क्रियाएं होती हैं, तो वह मिश्र वाक्य हो जाता है।

2. सफल वही होता है जो परिश्रम करता है।

उपर्युक्त वाक्यों में ‘सफल वही होता है’ मुख्य उपवाक्य हैं और ‘जो परिश्रम करता है’ गौण उपवाक्य। इसलिए ये मिश्र वाक्य हैं।

कर्ता के बारे में विधान करने वाली क्रिया हो, तो वह वाक्य कर्तृवाच्य होता है, कर्म के बारे में विधान करने वाली क्रिया हो तो उस वाक्य को कर्मवाच्य कहते हैं

जैसे:- मैं फल खाऊँगा (कर्तृवाच्य)

मुझसे फल खाया जाएगा (कर्मवाच्य)

सरल वाक्य से संयुक्त वाक्य
सरल वाक्यसंयुक्त वाक्य
उसे अपनी कमी पूरी करने के लिए परिश्रम करना चाहिए।उसे परिश्रम करना चाहिए और इस तरह अपनी कमी पूरी करनी चाहिए।
वह खाना खाकर सो गया।उसने खाना खाया और सो गया।
इतना कहने पर भी वह नहीं आया।इतना कहा पर वह नहीं आया।
उसने ऐसा काम करके बदनामी कमाई ।उसने ऐसा काम किया और बदनामी कमाई।
वह पढ़ने के अलावा अखबार भी बेचता है।वह पढ़ता भी है और अखबार भी बेचता है
कपड़े उतारकर वह नदी में कूद पड़ा।उसने कपड़े उतारे और वह नदी में कूद पड़ा।
संयुक्त वाक्य से सरल वाक्य
संयुक्त वाक्यसरल वाक्य
दिन ढला और अन्धेरा बढ़ने लगादिन ढलते ही अँधेरा बढ़ने लगा।
उसके पास घड़ी तो थी किन्तु ठीक नहीं थी।उसके पास ठीक घड़ी नहीं थी।
देर मत करो नहीं तो या वरना गाड़ी छूट जाएगी।देर करने पर गाड़ी छूट जायेगी।
वे लोग निर्धन थे और कष्ट भोगते रहते थे।वे निर्धन लोग कष्ट भोगते रहते थे।
स्याही सूख गई और मैं लिख न सका।स्याही सूख जाने पर मैं लिख न सका।
हमें आहार लेना चाहिए नहीं तो जी न सकेंगे।हमें जीने के लिए आहार लेना चाहिए।
मिश्र वाक्य से सरल वाक्य
मिश्र वाक्यसरल वाक्य
यद्यपि वह गरीब है तथापि वह चोरी नहीं करता।गरीब होने पर भी वह चोरी नहीं करता।
जहाँ श्याम रहता है वहीं राम भी रहता है।राम और श्याम एक ही जगह रहते हैं।
जैसे ही छुट्टी हुई, बच्चे घर चले गए।छुट्टी होते ही बच्चे घर चले गए।
खेद है कि हमें इतना कष्ट झेलना पड़ा।हमें इतना कष्ट झेलने का खेद है।
हमें जानकर हर्ष हुआ है कि यह वर्ष विश्वविद्यालय की स्वर्ण जयंती के रूप में मनाया जा रहा है।इस वर्ष को विश्वविद्यालय की स्वर्ण जयंती के रूप में मनाये जाने का हमें हर्ष है।
जो कुछ याद था वह भी भूल गया।याद किया हुआ सभी कुछ भूल गया।
संयुक्त वाक्य से मिश्र वाक्य
संयुक्त वाक्यमिश्र वाक्य
काम पूरा कर डालो, नहीं तो जुर्माना होगा।यदि काम पूरा नहीं करोगे तो जुर्माना होगा।
दवा लो और बुखार कम हो जाएगा।यदि दवा लोगे तो बुखार कम हो जाएगा।
विनय चुस्त न हो पर है समझदार।यद्यपि विनय चुस्त नहीं है तथापि वह है समझदार।
सौमिता ने खाना खाया और चली गई।ज्योंही सौमिता ने खाना खाया, वह चली गई।
सीमा को खेलना भी अच्छा लगता है और सोना भी।वह सीमा है जिसे खेलना और सोना अच्छा लगता है।
मनोहर या तो स्वयं आएगा या तार भेजेगा।यदि मनोहर स्वयं न आया तो तार भेजेगा।
मिश्र वाक्य से संयुक्त वाक्य
मिश्र वाक्यसंयुक्त वाक्य
शिक्षक ने कहा कि सबको अपना गृहकार्य स्वयं करना है।शिक्षक ने गृहकार्य करने को कहा है और स्वयं करने को कहा
ज्योंही गुरुजी आए, भक्त शान्त हो गए।गुरुजी आए और भक्त शान्त हो गए।
ज्यों ही भीखमंगा दिखा, मधुसूदन को दया आ गई।भीखमंगा दिखा और मधुसूदन को दया आ गई।
जैसे ही छुट्टी हुई, बच्चे घर चले गए।छुट्टी हुई और बच्चे घर चले गए।
मुझे वह पुस्तक मिल गई है जो खो गई थी|वह पुस्तक खो गई थी, परन्तु मुझे मिल गई है।
यद्यपि मैं उनके घर गया था, तथापि उनसे भेंट सहीं हुई।मैं उनके घर गया तो था पर उनसे भेंट नहीं हुई।

SSC GD Study Material PDF Download

पर्यायवाची शब्द      विलोम शब्द
वाक्यांश के लिए एक शब्दगद्यांश
शुद्ध-अशुद्धविशेषण एवं अव्यय
SSC GD Syllabus & Exam Pattern 2024 in MarathiSSC GD Previous Year Question Papers, Download PDF

FAQs

Q. वाक्य रचना के कितने प्रकार होते है ?

Ans:- रचना की दृष्टि से वाक्य तीन प्रकार के होते हैं  

Scroll to Top